कार का आविष्कार किसने किया और कब किया था

दोस्तों चलिए पोस्ट की शुरुआत करते हैं एक सवाल के साथ बताइये कार का आविष्कार किसने किया? अब आपमें से बहुत से लोग सोच रहे होंगे की अगर हमे इसका जवाब पता होता तो हम इस पोस्ट पर क्यों आते तो आपका यह सोचना भी सही हैं।

इस पोस्ट में हम आपको इसी विषय पर जानकारी देने वाले हैं और हां अगर आपको ऊपर पूछे सवाल का जवाब पता भी हैं तो भी आपके लिए यह पोस्ट बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योकि इस पोस्ट में हम कार के आविष्कार से सम्बंधित और भी बहुत सारी रोचक जानकारी के बारे में जानेंगे।

दोस्तों कार कितना उपयोगी और महत्वपूर्ण साधन हैं यह तो आपको पता ही हैं और आज लगभग हर व्यक्ति की इच्छा होती हैं की उसके पास खुद की कार हो और आपमें से बहुत से लोगो के पास खुद की कार भी होगी तो इस प्रकार हम समझ सकते हैं की हमारे जीवन में कार की उपयोगिता कितनी जरुरी हो चुकी हैं।

तो ऐसे में हमें पता होना चाहिए की आज हम जिस कार का इतना उपयोग करते हैं और जिसके कारण हमारे बहुत से काम कितने आसान हो गए हैं। तो चलिए जानते हैं की आखिर कार का आविष्कार किसने किया था।

कार का आविष्कार किसने किया

कार का आविष्कार किसने किया

अब बात करते हैं कार के अविष्कार की तो ऐसा नहीं हैं की किसी एक वैज्ञानिक ने ही कार को बनाने की कोशिश की और उसे सफलता मिल गयी। बहुत से अलग अलग वैज्ञानिको ने कार बनाने का प्रयास किया लेकिन कुछ न कुछ खामियों के कारण उन्हें सफलता नहीं मिल पायी।

कार का सफलतापूर्वक आविष्कार कार्ल बेंज ने किया था। इनका पूरा नाम Karl Friedrich Benz (कार्ल फ्रेडरिक माइकल बेंज) था। इनका जन्म 25 नवंबर 1844 को जर्मनी में हुआ था। कार्ल बेंज एक जर्मन इंजन डिज़ाइनर और ऑटोमोटिव इंजीनियर थे। कार्ल बेंज ने सबसे पहले तीन पहियों वाली कार का निर्माण किया था जिसका नाम उन्होंने मोटर वैगन रखा था।

Karl Benz की पत्नी का नाम Bertha Benz था जिन्होंने मोटर वेगन कार बनाने में कार्ल की आर्थिक मदद की थी। क्योकि कार्ल ने कार बनाने से पहले अपना लोहे का एक कारखाना शुरू किया था लेकिन उसमे भारी नुकसान होने के कारण उन्हें वह कारखाना बंद करना पड़ा।

कार्ल बेंज द्वारा बनाई गयी कार मोटर वेगन में सबसे पहले 5 अगस्त 1888 को इन्होने अपनी पत्नी और दो बच्चो के साथ 105 किलोमीटर की सबसे लम्बी कार यात्रा तय की थी।

कार का अविष्कार कब हुआ

दोस्तों अगर बात करे कार के आविष्कार की तो कार का आविष्कार कार्ल बेंज ने 1885 में किया था। अब ऐसा नहीं हैं की 1885 में ही कार बनी इससे पहले भी अनेको वैज्ञानिको ने कार बनाने का प्रयास किया था। लेकिन वे पूर्ण रूप से कार का अविष्कार करने में असफल रहे।

कार का इतिहास (Car History in Hindi)

सन 1770 के दशक में एक गाड़ी को बनाया गया था जिसका इंजन भाप से चलता था लेकिन इस गाड़ी की गति एक सामान्य मनुष्य के चलने की गति के बराबर थी साथ ही साथ उस गाड़ी का डिज़ाइन भी कुछ अच्छा नहीं था और इस प्रकार उन्हें इसमें सफलता नहीं मिल पायी।

उसके बात 1830 के दशक में एक और गाड़ी का निर्माण हुआ जो करंट से चलती थी। इसे बिजली से चार्ज करके चलाया जा सकता था लेकिन यह गाड़ी भी बहुत महँगी साबित हुई और यह देखने में भी बिलकुल अच्छी नहीं थी साथ ही साथ यह गाड़ी चलते वक्त बहुत ज्यादा आवाज करती थी।

इस आवाज से आस पास के लोग डर जाते थे इस कारण इस गाड़ी को भी ज्यादा सफलता नहीं मिल पायी लेकिन 1885 में कार्ल बेंज ने यह कारनामा कर दिखाया था और उन्होंने एक तीन पहिया कार बनायी जिसे आसानी से चलाया जा सकता था।

हालाँकि कार का आविष्कार बेंज ने 1885 में कर दिया था लेकिन उन्हें इस आविष्कार का पेटेंट 1986 में मिला और उसके बाद वह अधिकारिक रूप से वह कार के अविष्कारक बन गए। उसके बाद उन्होंने अपनी कार का जन प्रदर्शन किया और उसके बाद अपनी कार में सुधार करते हुए 1994 में बेंज ने चार पहियों वाली कार का निर्माण किया।

बेंज ने अपनी इस चार पहियों वाली कार का नाम बेंज विलो रखा जिसकी अधिकतम स्पीड 20 किलोमीटर प्रति घंटा थी और इसमें 3 हॉर्स पावर का इंजन लगाया गया था। जब बेंज विलो का आविष्कार हुआ तो इसे आम लोगो के सामने लाया गया।

जिससे आम लोग भी इस कार का इस्तेमाल कर सके और उन्हें भी कही आने जाने के लिए एक अच्छा साधन उपलब्ध हो सके और इसी कारण 1894 से लेकर 1902 के बीच लगभग 1200 बेंज विलो कार का निर्माण किया गया और उसे आम लोगो के लिए भी उपलब्ध करवाया जाने लगा।

भारत में पहली बार कार कब चली

दोस्तों अगर हम बात करे भारत में पहली कार के आयात के बारे में या भारत में पहली बार कार कब चलाई गयी तो भारत में सबसे पहली कार 1897 में कोलकाता के मिस्टर फोस्टर के मालिक क्रॉप्टन ग्रीवर ने खरीदी थी और इन्होने ही पहली कार चलाई थी।

उसके बाद सन 1898 में भारत में और 4 कार खरीदी गयी थी जिसमे से एक कार टाटा कंपनी के संस्थापक जमशेद जी टाटा ने खरीदी थी।

दुनिया की पहली कार किसने बनायी थी?

दुनिया की पहली सफल कार का निर्माण कार्ल बेंज ने 1885 में किया था। इस कार में 954cc का इंटरनल  कंबशन इंजन लगाया गया था जिसका निर्माण स्वयं कार्ल बेंज ने ही किया था।

दुनिया की सबसे पहली कार कौनसी हैं?

दुनिया की सबसे पहली कार बेंज द्वारा निर्मित मोटर वैगन हैं जिसका निर्माण कार्ल बेंज में 1885 में किया था।

कार का आविष्कार कब और किसने किया?

दुनिया की सबसे पहली कार का अविष्कार 1885 में कार्ल बेंज द्वारा किया गया और इसका नाम मोटर वैगन था।

कार का आविष्कार कहाँ हुआ था?

दुनिया की सबसे पहली कार का अविष्कार जर्मनी के मानहाइम शहर में हुआ था और 1886 में इसे बिच में लाया गया।

कार के आविष्कारक कौन थे?

कार के आविष्कारक “Karl Benz” थे जिन्होंने सबसे पहले तीन पहियों वाली कार का आविष्कार किया था और उसका नाम मोटर वेगन रखा था।

दुनिया की पहली कार का क्या नाम था?

दुनिया की सबसे पहली कार का नाम “मोटर वैगन” था।

दोस्तों यह थी हमारी पोस्ट जिसमे हमने आपको कार के इतिहास और उसके अविष्कारक के बारे में विस्तार से जानकारी दी हैं तो आशा करते हैं आपको हमारे द्वारा शेयर की गयी जानकारी पसंद आयी होगी और साथ ही साथ आपके लिए यह जानकारी हेल्पफुल साबित हुई होगी।

अगर आप इसी तरह के किसी भी और टॉपिक पर जानकारी चाहते हैं तो हमे कमेंट में बता सकते हैं और साथ ही साथ अगर आपको इस पोस्ट से सम्बंधित कोई भी Doubts हैं तो भी हमे कमेंट करके बता सकते हैं।

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