नमस्कार दोस्तों, आज की हमारी इस पोस्ट में हम जानने वाले है NPA क्या होता है? इसकी फुल फॉर्म क्या है और इससे सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में विस्तार से।
दोस्तों अगर आप भी बैंक सम्बंधित व्यवसाय करते है या आपने भी कभी बैंक से लोन लिया हुआ है या लेने वाले है तो आपने कही न कही NPA शब्द के बारे में जरूर सुना हुआ होगा।
और अगर आपने अभी तक NPA के बारे में नहीं भी सुना है तो भी आपको इसके बारे में जरूर पता होना चाहिए क्योकि यह व्यवसाय वालो के लिए या आम लोगो के लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी होती है जिसके बारे में हम सभी को जरूर पता होना चाहिए।
अगर आप भी NPA सम्बंधित जानकारी प्राप्त करने के इच्छुक है तो आप बिलकुल सही पोस्ट पढ़ रहे है क्योकि यहाँ आपको NPA क्या होता है और एनपीए सम्बंधित पूरी जानकारी मिलने वाली है इसलिए पोस्ट को अंत तक ध्यानपूर्वक पूरा जरूर पढ़े।
विषयसूची
NPA क्या है (What is NPA in Hindi)
NPA शब्द फाइनेंस और बैंकिंग से जुड़ा हुआ है। NPA को अगर हम आसान भाषा में समझे तो यदि कोई व्यक्ति बैंक से लोन लेता है और एक निश्चित अवधि तक लोन की EMI नहीं भरता है तो उसका लोन अमाउंट NPA के अंदर आ जाता है।
- NPA Full Form in Hindi – Non-Performing Assets
- NPA Meaning in Hindi – ग़ैर निष्पादित संपत्ति
इस प्रकार ऊपर हमने जाना की NPA का पूरा नाम Non-Performing Assets या ग़ैर निष्पादित संपत्ति होता है। जब हम बैंक से कोई लोन लेते है तो वह बैंक के लिए Assets का काम करता है क्योकि उससे बैंक को कुछ Return मिलता है और बैंक का फायदा होता है।
लेकिन वही लोन हमारे लिए Liabilities होता है क्योकि एक समय के बाद हमे उसे पुनः बैंक को लौटना होता है। ऐसे में अगर हम बैंक को EMI समय पर नहीं देते है तो बैंक को मुनाफा होना बंद हो जाता है जिससे वह अपने इस Assets को Non Performing Assets की केटेगरी में डाल देती है।
उदाहरण के माध्यम से अगर किसी व्यक्ति ने बैंक से 5 लाख का लोन लिया और वह बैंक को लोन नहीं लौटाते है तो बैंक के लिए वह 5 लाख Non Performance Assets बन जाता है।
आसान भाषा में देखे तो जब भी बैंक को किसी भी लोन राशि से Return मिलना बंद हो जाता है बैंक उसे Non Performing Assets घोषित कर देती है। NPA के अलग-अलग प्रकार होते है जिन्हे आप निचे आसानी से समझ सकते है।
NPA कितने प्रकार के होते है
NPA के मुख्यतः तीन प्रकार होते है जो की निम्न्लिखित है।
- Sub Standard Assets
- Doubtful Assets
- Loss Assets
चलिए अब इनके बारे में एक एक करके संक्षिप्त में जानते है।
1 Sub Standard Assets क्या है
जो लोन 3 से लेकर 12 महीनो के लिए NPA (Non Performing Assets) रहते है उन्हें Sub Standard Assets की Category में रखा जाता है।
जैसे अगर किसी व्यक्ति का लोन NPA हो जाता है लेकिन वह उसे एक साल के भीतर चूका देता है तो वह Sub Standard Assets की Category में आता है।
2 Doubtful Assets क्या है
जब कोई लोन अमाउंट 12 महीने यानि एक साल से भी अधिक अवधि तक NPA रहता है तो बैंक उसे Doubtful Assets की Category में रखती है।
Doubtful Assets में लोन अमाउंट की वसूली करने के Changes बहुत कम रहते है। इस स्थिति में बैंकों में एनपीए वसूली हेतु विधिक प्रावधान रहते है।
- पहले वर्ष में सुरक्षित लोन के अंतर्गत बकाया राशि का 25 प्रतिशत और असुरक्षित लोन के अंतर्गत बकाया राशि का कुल 100 प्रतिशत लोन चुकाना होगा।
- 1 से 3 वर्ष के मध्य सुरक्षित लोन के अंतर्गत बकाया राशि का 40 प्रतिशत अथवा असुरक्षित लोन के अंतर्गत बकाया राशि का 100 प्रतिशत चुकाना होगा।
- 3 वर्ष से अधिक हो जाने पर सुरक्षित लोन के अंतर्गत बकाया राशि का 100 प्रतिशत और असुरक्षित लोन के अंतर्गत भी बकाया राशि का 100 प्रतिशत चुकाना होगा।
3 Loss Assets क्या है
जब किसी व्यक्ति द्वारा लोन अमाउंट की एक भी क़िस्त नहीं चुकाई गयी होती है और ब्याज भी नहीं दिया गया होता है तो इस स्थिति में बैंक इसे Loss Assets की श्रेणी में रखती है।
Account NPA कब होता है
जब भी कोई व्यक्ति बैंक से लोन लेता है तो उसे किस्तों के रूप में लोन को पुनः बैंक को लौटाना होता है लेकिन अगर कोई व्यक्ति 3 साल तक बैंक को कोई भी ब्याज नहीं देता है या लगातार अपनी पहली 3 किस्ते जमा नहीं करवाता है तो इस स्थिति में बैंक उसे NPA घोषित कर देती है।
इस स्थिति में बैंक उस व्यक्ति को Notice भी भेजती है लेकिन अगर वह व्यक्ति Notice मिलने के पश्चात भी लोन नहीं चुकाता है तो बैंक उस व्यक्ति द्वारा दिए गए Mortgage Documents के आधार पर आपकी प्रॉपर्टी जब्त कर लेती है।
NPA से क्या नुकसान होता है
NPA यानि Non Performance Assets के कारण कई बैंक दिवालिया होने की कगार पर पहुँच जाते है लेकिन इसके लिए भी RBI ने कुछ प्रावधान बनाये है जिसमे बैंक को प्रोविजन की रकम बिज़नेस से अलग रखनी पड़ती है।
हाल ही में आयी एक Reports के मुताबिक भारतीय बैंको में 8.50 लाख करोड़ का NPA है जो की बहुत ज्यादा है। अगर बात इसके नुकसान की करे तो जैसा की हमने बताया NPA Amount Non Performance Assets होते है।
यानि की इनसे बैंक को पहुँचने वाला लाभ कम हो जाता है या NPA से बैंक को कोई लाभ नहीं मिलता है जिससे सरकार के पास राजस्व कम पहुँचता है और सरकार की निवेश करने की क्षमता में गिरावट आ जाती है।
FAQs
NPA का पूरा नाम क्या होता है?
NPA का फुल फॉर्म Non Performing Assets या ग़ैर निष्पादित संपत्ति होता है।
NPA Full Form in Salary क्या होता है?
इसमें NPA का फुल फॉर्म Non practicing Allowance होता है।
2018-2019 में State bank of India का कितना एनपीए था?
बैंक द्वारा बताई गयी एक रिपोर्ट के अनुसार 2018-2019 में स्टेट बैंक और इंडिया का एनपीए 1,72,750 करोड़ था।
Conclusion –
उम्मीद करते है आपको हमारी यह पोस्ट NPA क्या है जरूर पसंद आयी होगी और इस पोस्ट में साझा की गयी जानकारी के माध्यम से आपको NPA की पूरी जानकारी मिल गयी होगी।
अगर आपको हमारी इस पोस्ट से सम्बंधित कोई भी Doubts है तो आप हमे कमेंट करके बता सकते है और पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शहर करें।
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