नमस्कार दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हम जानने वाले है Radium की खोज किसने की और कब की गयी साथ ही इसके उपयोग और नुकसान के बारे में पूरी जानकरी विस्तार से।
दोस्तों आपने देखा होगा बहुत सी Watches और फ्रेंडशिप बैंड रात के अँधेरे में चमकते हुए दिखते है जबकि उनमे कोई लाइट भी नहीं होती है।
तो क्या आपने कभी सोचा है आखिर यह किस कारण होता है? आप में से बहुत से लोगो को इसकी जानकारी होगी लेकिन अगर आपको जानकारी नहीं है तो आपको बता दे यह Radium के कारण होता है।
अब अगर बात करे Radium क्या होता है तो आगे हम इसके और इसके खोजकर्ता के बारे में विस्तार से जानने वाले है इसलिए इस पोस्ट को ध्यानपूर्वक पूरा जरूर पढ़े।
विषयसूची
Radium क्या है (What is Radium in Hindi)
Radium एक प्रकार का रासायनिक तत्व है जिसे Ra से प्रदर्शित किया जाता है और इसका Atomic Number 88 होता है। रेडियम Periodic Table के दूसरे Group में पाया जाता है जिसे Alkaline Earth Metal Group भी कहते है।
शुद्ध Radium का रंग Silvery White होता है लेकिन यह हवा के संपर्क में आने पर ऑक्सीजन की बजाय नाइट्रोजन के साथ आसानी से प्रतिक्रिया करता है और रेडियम नाइट्राइड की एक काली सतह परत बनाता है।
प्रकृति में रेडियम कुछ हद तक यूरेनियम में पाया जाता है और थोरियम अयस्क में एक ग्राम प्रति टन के सातवें हिस्से के बराबर होता है।
आपको बता दे जीवित जीवो के लिए रेडियम आवश्यक नहीं है क्योकि इसकी रेडियोधर्मिता और रासायनिक प्रतिक्रिया के कारण अगर यह जैव रासायनिक प्रक्रियाओं में शामिल हो जाता है तो हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाल सकता है।
वर्तमान में चिकित्सा के क्षेत्र में इसके उपयोग के अलावा इसका कोई व्यावसायिक अनुप्रयोग नहीं किया जाता है। पहले के समय में रेडियम का इस्तेमाल बहुत से प्रोडक्ट्स में होता था जैसे टूथब्रश, घड़ी, बैंड, Hair Cream आदि क्योकि उस समय रेडियम के बुरे प्रभाव के बारे में जानकारी नहीं थी।
इस प्रकार अब आपको यह तो समझ में आ गया होगा की Radium क्या होता है और इसका उपयोग कहा होता है तो चलिए अब जान लेते है की आख़िर Radium का आविष्कार किसने किया?
Radium की खोज किसने की और कब की
रेडियम की खोज एक वैज्ञानिक दम्पति ने की थी। सन 1898 में मैरी और पियरे क्यूरी द्वारा जैकिमोव में खनन किये गए अयस्क से रेडियम क्लोराइड के रूप में रेडियम की खोज की थी।
आपको बता दे मैरी सैलोमिया स्कोलोडोव्स्का क्यूरी एक पोलिश और प्राकृतिक फ्रांसीसी भौतिकी विज्ञानी और रसायनज्ञ थी। इन्होने रेडियोधर्मिता के क्षेत्र में अग्रणी शोध भी किया था।
वही इनके पति पियरे क्यूरी भी फ्रांसीसी भौतिकी विज्ञानी थे जो क्रिस्टलोग्राफी, चुंबकत्व, पीजोइलेक्ट्रिसिटी और रेडियोधर्मिता के अग्रणी थे।
चलिए अब यह तो जान लिया की रेडियम की खोज मैरी और पियरे क्यूरी नाम के एक वैज्ञानिक दम्पति ने की थी लेकिन यह खोज आखिर हुई कैसे इसके बारे में थोड़ा विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं।
Radium की खोज कैसे हुई
जब 1895 में एक जर्मन वैज्ञानिक W. C. Rontgen ने जब X- Ray का आविष्कार किया था तो उसके बाद हेनरी बेकेरल नाम के एक वैज्ञानिक ने इन्ही X- किरणों के बारे में गहराई से अध्यनन किया तो उन्हें पता चला की यूरेनियम के लवण पर प्रकाश किरणों का एक विशेष प्रभाव होता है।
जब प्रकाश किरण यूरेनियम लवण के संपर्क में आती है तो यूरेनियम लवण एक विशिष्ट विकिरण का उत्सर्जन करता है जिसे फोटोग्राफिक प्लेट पर नोटिस किया जा सकता है।
जब इस विषय में और गहराई से अध्यनन किया गया तो उन्हें पता चला की यह विकिरण X- किरणों से सम्बंधित नहीं है बल्कि कोई नया विकिरण है जिसे रेडियोधर्मिता का नाम दिया गया।
बेकेरल द्वारा दी गयी इस थ्योरी के बाद मैरी क्यूरी ने इस रहस्यमय यूरेनियम किरणों के बारे में पूरी जाँच करने का मन बना लिया।
खोज के दौरान मैरी ने पाया की थोरियम भी यूरेनियम की समान ही किरणे देता है। विभिन्न रासायनिक यौगिकों के अध्ययन से यह ज्ञात हुआ की विकिरण की ताकत उस यौगिक पर निर्भर नहीं करती है जिसका अध्ययन किया जा रहा है बल्कि यह केवल यूरेनियम और थोरियम की मात्रा पर निर्भर करती है।
मैरी ने जब पूरी Periodic Table के साथ यह प्रक्रिया दोहराकर देखा तो उन्होंने पाया की केवल यूरेनियम और थोरियम ने ही यह विकिरण उत्सर्जित किया था।
मैरी की सफलता को देखकर उनके पति पियरे ने भी इस काम में उनका साथ दिया जोकि स्वयं एक वैज्ञानिक थे। उन्होंने देखा की Bismuth या Barium युक्त अंशो के साथ ही यह गतिविधि सामने आ रही है।
मैरी ने Bismuth के अंशो का विश्लेषण जारी रखा और उन्होंने पाया की जब वह Bismuth की मात्रा को निकाल देती है तो एक अधिक गतिविधि वाला अवशेष पीछे छूट जाता है और यही Radium था।
इस प्रकार उन्होंने Radium की खोज कर ली और जून 1898 में उनके पास एक ऐसा नया प्रदार्थ था जो यूरेनियम से 300 गुना अधिक सक्रिय था।
जुलाई 1898 में उन्होंने एक शोध पत्र प्रकाशित किया जिसमे लिखा था “हमने जो पदार्थ निकाला है, उसमें एक ऐसा धातु है जिसे पहले कभी नहीं देखा गया है ना ही हमें इस पदार्थ के बारे में कोई जानकारी थी।
यदि इस नई धातु के अस्तित्व की पुष्टि हो जाती है तो हम चाहते हैं कि इसका नाम ‘पोलोनियम’ रखा जाए क्योंकि हममें से एक (मैरी क्यूरी) के मूल देश का नाम (पोलैंड) है।”
अपनी कुछ महीनो की और रिसर्च के बाद मैरी क्यूरी और पियरे क्यूरी ने 26 दिसंबर 1898 को विज्ञान विभाग को सूचित कर दिया की उन्होंने एक अतिरिक्त सक्रिय प्रदार्थ की पुष्टि कर ली है जो रासायनिक रूप से लगभग शुद्ध बेरियम की तरह व्यवहार करता है।
उन्होंने इस नए तत्व का नाम Radium सुझाया और इस प्रकार Periodic Table में एक नए तत्व रेडियम की खोज हुई। रेडियम की खोज के बाद मैरी क्यूरी और पियरे क्यूरी को भौतिकी में सन 1911 में नोबल प्राइज भी दिया गया।
Radium के उपयोग क्या क्या है
अगर हम बात करे रेडियम के फायदों या उपयोग की तो इसे आप नीचे बताये बिंदुओं से समझ सकते है।
- वर्तमान में रेडियम का इस्तेमाल केवल चिकिस्ता के क्षेत्र में किया जाता है।
- रेडियम का इस्तेमाल कैंसर के इलाज में दवाइयों के निर्माण में होता है।
- इसके अलावा रेडियम का कोई व्यावसायिक अनुप्रयोग नहीं है।
- हालाँकि पहले इसका इस्तेमाल Hair Cream, टूथब्रश, घडी आदि में किया जाता था।
इस प्रकार रेडियम की अधिक रेडियोधर्मिता के कारण इसका बहुत ही कम इस्तेमाल किया जाता है और यह सजीव जीवो के लिए उपयोगी भी नहीं है।
FAQs
Radium का परमाणु क्रमांक कितना होता है?
रेडियम का परमाणु क्रमांक 88 होता है और यह Periodic Table में दूसरे Group में उपस्थित होता है।
Radium का आविष्कार कब हुआ?
Radium की खोज सन 1898 में हुई थी।
रेडियम के नुकसान क्या है?
रेडियम एक बहुत ही सक्रिय रेडियोधर्मी तत्व है जो अगर किसी जैव रासायिनक प्रक्रियाओं में शामिल होता है तो हमारे शरीर पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
उम्मीद है आपको हमारी यह पोस्ट Radium का आविष्कार किसने किया पसंद आयी होगी और इस पोस्ट में साझा जानकारी आपके लिए उपयोगी रही होगी।
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